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PM श्री मोदी जी का नारा, हर चीज

by hinduparivar.org

PM श्री मोदी जी का नारा, हर चीज भारत में बनाओ
प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी आज देश के उद्योगपतियो को भरोसा दिला रहे थे कि आपका रुपया डूबेगा नहीं। वो उद्योगपतियों से कह रहे थे वो उन्हें कहीं जाने नहीं देंगे। वो विदेश भूलें अब भारत में ही निवेश करें। अमेरिका जाने से पहले वो देश को जैसे एक नई मोहर दे गए। मोहर मेक इन इंडिया की, यानि हर चीज भारत में बनाओ।
राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने वो दिग्गज बैठे थे जो देश के ग्रोथ इंजन की जान हैं। वो देश के विकास के सबसे बड़े भागीदार हैं। यही नहीं विदेश के उद्योगपति भी मेक इन इंडिया के इस भव्य महोत्सव में भाग लेने आएं थे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें भरोसा दे रहे थे कि वक्त बदल गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, जब व्यक्ति खुद पर विश्वास खो देता है तो उसे खड़ा करना मुश्किल होता है। सरकार कब नीति बदलेगी कब सीबीआई आ धमकेगी। कानून का राज होना चाहिए। कॉर्पोरेट गवर्मेंट रिस्पॉन्सिबिलीटी होनी चाहिए। सरकार का दायित्व होना चाहिए। सिर्फ निमंत्रण देने से रुपए नहीं आते हैं। भरोसा जरूरी है।
मोदी की चिंताओं में देश को तरक्की की नई भाषा देना है। कोशिश है कि चीन की तरह ही भारत भी मैन्युफैक्चरिंग हब बने, यानि दुनिया की तमाम बड़ी कंपनियां भारत में आकर अपना माल बनाएं। अपने कलपुर्जे, पार्ट्स बनाएं। भारत में उन्हें सस्ता श्रम, अच्छी सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर मिले। मेक इन इंडिया, मेड इन इंडिया के नारे इसी की शुरुआत है। हालांकि ये चुनौती बीहड़ है, रास्ता पथरीला है। लेकिन इंडस्ट्री का भरोसा बढ़ाने के लिए मोदी सरकार पहले ही कई कदम उठा चुकी है। ये कदम हैं-
-लाइसेंस लेने की प्रक्रिया सरल की गई।
-24X7 ऑनलाइन एप्लीकेशन की सुविधा दी गई
-अब तीन साल के लिए मिला करेगा लाइसेंस
-राज्यों को सेल्फ-सर्टिफिकेशन स्कीम शुरू करने का निर्देश
-सभी मंत्रालय और विभाग eBiz पोर्टल से जुड़ेंगे
-पर्यावरण मंजूरी की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी
-गैर-जरूरी नियमों को हटाने का आदेश
-ज्यादा से ज्यादा काम ऑनलाइन करने पर जोर
-सिंगल इलेक्ट्रॉनिक रजिस्टर में जानकारी रखने पर जोर
-विभाग के मुखिया की इजाजत के बिना जांच नहीं
‘मेक इन इंडिया’ की मोदी की इस विकास की नई मोहर को कारोबार जगत ने भी हाथोंहाथ लिया। फिलहाल देश की जीडीपी यानि सकल घरेलू उत्पाद में मैन्यूफैक्चरिंग यानी विनिर्माण क्षेत्र का हिस्सा महज 15 फीसदी है। उद्योगपतियों ने उम्मीद जताई कि इसे 25 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि प्रधानमंत्री की खूबी है, वे ना सिर्फ सपने देखते हैं, बल्कि उन्हें पूरा करने में विश्वास भी रखते हैं।
वहीं, टाटा इंडस्ट्रीज के चेयरमैन साइरस मिस्त्री और आईसीआईसी बैंक की कर्ताधर्ता चंदा कोचर ने भी मोदी के ग्रोथ इंजन पर भरोसा जताया। मैन्युफैक्चरिंग में विकास को सीधे देश में नए रोजगार से जोड़ा। साफ था, मेक इन इंडिया के नारे ने जैसे कॉरपोरेट जगत को नई संजीवनी दी है। ‘मेक इन इंडिया’ की शुरुआत एक साथ कई मुल्कों में की गई। बाकायदा इसके चिन्ह में भारतीय शेर को शामिल किया गया है। कलपुर्जों से बना ये शेर भारत की शक्ति, कर्मठता और निर्भीकता का परिचायक है। पहले नवरात्र पर प्रधानमंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की शुरुआत की। इस अभियान का लोगो है शेर, जो मां भगवती का वाहक भी है। अब निगाहें इस ओर हैं कि भारत सरकार के इस शेर पर बैठकर कितने निवेशक भारत में आते हैं और कितना रोजगार सृजन होता है।

PM श्री मोदी जी का नारा, हर चीज भारत में बनाओ प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी आज देश के उद्योगपतियो को भरोसा दिला रहे थे कि आपका रुपया डूबेगा नहीं। वो उद्योगपतियों से कह रहे थे वो उन्हें कहीं जाने नहीं देंगे। वो विदेश भूलें अब भारत में ही निवेश करें। अमेरिका जाने से पहले वो देश को जैसे एक नई मोहर दे गए। मोहर मेक इन इंडिया की, यानि हर चीज भारत में बनाओ। राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने वो दिग्गज बैठे थे जो देश के ग्रोथ इंजन की जान हैं। वो देश के विकास के सबसे बड़े भागीदार हैं। यही नहीं विदेश के उद्योगपति भी मेक इन इंडिया के इस भव्य महोत्सव में भाग लेने आएं थे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें भरोसा दे रहे थे कि वक्त बदल गया है। प्रधानमंत्री ने कहा, जब व्यक्ति खुद पर विश्वास खो देता है तो उसे खड़ा करना मुश्किल होता है। सरकार कब नीति बदलेगी कब सीबीआई आ धमकेगी। कानून का राज होना चाहिए। कॉर्पोरेट गवर्मेंट रिस्पॉन्सिबिलीटी होनी चाहिए। सरकार का दायित्व होना चाहिए। सिर्फ निमंत्रण देने से रुपए नहीं आते हैं। भरोसा जरूरी है। मोदी की चिंताओं में देश को तरक्की की नई भाषा देना है। कोशिश है कि चीन की तरह ही भारत भी मैन्युफैक्चरिंग हब बने, यानि दुनिया की तमाम बड़ी कंपनियां भारत में आकर अपना माल बनाएं। अपने कलपुर्जे, पार्ट्स बनाएं। भारत में उन्हें सस्ता श्रम, अच्छी सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर मिले। मेक इन इंडिया, मेड इन इंडिया के नारे इसी की शुरुआत है। हालांकि ये चुनौती बीहड़ है, रास्ता पथरीला है। लेकिन इंडस्ट्री का भरोसा बढ़ाने के लिए मोदी सरकार पहले ही कई कदम उठा चुकी है। ये कदम हैं- -लाइसेंस लेने की प्रक्रिया सरल की गई। -24X7 ऑनलाइन एप्लीकेशन की सुविधा दी गई -अब तीन साल के लिए मिला करेगा लाइसेंस -राज्यों को सेल्फ-सर्टिफिकेशन स्कीम शुरू करने का निर्देश -सभी मंत्रालय और विभाग eBiz पोर्टल से जुड़ेंगे -पर्यावरण मंजूरी की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी -गैर-जरूरी नियमों को हटाने का आदेश -ज्यादा से ज्यादा काम ऑनलाइन करने पर जोर -सिंगल इलेक्ट्रॉनिक रजिस्टर में जानकारी रखने पर जोर -विभाग के मुखिया की इजाजत के बिना जांच नहीं ‘मेक इन इंडिया’ की मोदी की इस विकास की नई मोहर को कारोबार जगत ने भी हाथोंहाथ लिया। फिलहाल देश की जीडीपी यानि सकल घरेलू उत्पाद में मैन्यूफैक्चरिंग यानी विनिर्माण क्षेत्र का हिस्सा महज 15 फीसदी है। उद्योगपतियों ने उम्मीद जताई कि इसे 25 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि प्रधानमंत्री की खूबी है, वे ना सिर्फ सपने देखते हैं, बल्कि उन्हें पूरा करने में विश्वास भी रखते हैं। वहीं, टाटा इंडस्ट्रीज के चेयरमैन साइरस मिस्त्री और आईसीआईसी बैंक की कर्ताधर्ता चंदा कोचर ने भी मोदी के ग्रोथ इंजन पर भरोसा जताया। मैन्युफैक्चरिंग में विकास को सीधे देश में नए रोजगार से जोड़ा। साफ था, मेक इन इंडिया के नारे ने जैसे कॉरपोरेट जगत को नई संजीवनी दी है। ‘मेक इन इंडिया’ की शुरुआत एक साथ कई मुल्कों में की गई। बाकायदा इसके चिन्ह में भारतीय शेर को शामिल किया गया है। कलपुर्जों से बना ये शेर भारत की शक्ति, कर्मठता और निर्भीकता का परिचायक है। पहले नवरात्र पर प्रधानमंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की शुरुआत की। इस अभियान का लोगो है शेर, जो मां भगवती का वाहक भी है। अब निगाहें इस ओर हैं कि भारत सरकार के इस शेर पर बैठकर कितने निवेशक भारत में आते हैं और कितना रोजगार सृजन होता है।

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