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ओम को हटाकर योग को सेक्युलर

by hinduparivar.org

ओम को हटाकर योग को सेक्युलर बनाएगी सरकार

केंद्र सरकार देश में योग को पॉप्युलर बनाने के लिए इसे सेक्युलर बनाने जा रही है । इसके लिए योग में जहां-जहां भी ओम का जिक्र होता है, इसे हटाया जाएगा। 

भारत में धार्मिक प्रतीकों के चलते भी कई बार बड़े राजनीतिक विवाद देखने को मिलते हैं। इसलिए मोदी सरकार योग को आम लोगों के जीवन से जोड़ने के लिए और इसे सेक्युलर बनाने के लिए निकट भविष्य में होने वाले इसके बड़े प्रमोशन में यह कदम उठाने जा रही है। 

सरकार की ओर से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के लिए तैयारियां की जा रही हैं। ऐसे ही तैयारियों में जुटे वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने हमारे सहयोगी अखबार ईटी को बताया कि मुख्य मकसद योग के प्रचार को राजनीतिक विवाद से बचाना है। उनका कहना था कि किसी एक धर्म से जोड़े जाने पर इस अभियान को लोगों के बीच कम पसंद किए जाने की आशंका थी। 

आयुष विभाग (आयुर्वेद, योग और नैचरोपथी, यूनानी, सिद्ध और होम्योपथी) के बनाए गए 33 मिनट के 'कॉमन योग प्रोटोकॉल' में ओम का कोई जिक्र नहीं होगा। इसके अलावा, 21 जून को योग दिवस के लिए तैयार की जा रही लिखित सामग्री और विडियो में भी ओम शब्द नहीं रहेगा। 

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए और भी कई तैयारियां की गई हैं। 21 जून को महत्वपूर्ण बनाने के लिए इसी दिन 100 और 10 रुपए के सिक्के जारी किए जाने की योजना है, जिसपर योग की एक मुद्रा छपी रहेगी। इस मौके पर डाक टिकट भी जारी किए जाएंगे। इसमें भी वही तस्वीर लगेगी। संयुक्त राष्ट्र के भी इसी तस्वीर को 21 जून को अपना लोगो बनाने की उम्मीद है। एक साथ कई देशों में और भारत से सरकारी स्कूलों और ऑफिसों में योग करने के कई रेकॉर्ड बनने की भी उम्मीद है। 

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके के लिए आम स्वीकार्य स्लोगन देने की भी योजना है। इस दिन के लिए 'शांति और सद्भभाव के लिए योग' स्लोगन दिया जा सकता है। योग प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए बाबा रामदेव, रविशंकर, जग्गी वासुदेव और देश के दूसरे योग संस्थानों से सलाह ली गई है।

ओम को हटाकर योग को सेक्युलर बनाएगी सरकार केंद्र सरकार देश में योग को पॉप्युलर बनाने के लिए इसे सेक्युलर बनाने जा रही है । इसके लिए योग में जहां-जहां भी ओम का जिक्र होता है, इसे हटाया जाएगा। भारत में धार्मिक प्रतीकों के चलते भी कई बार बड़े राजनीतिक विवाद देखने को मिलते हैं। इसलिए मोदी सरकार योग को आम लोगों के जीवन से जोड़ने के लिए और इसे सेक्युलर बनाने के लिए निकट भविष्य में होने वाले इसके बड़े प्रमोशन में यह कदम उठाने जा रही है। सरकार की ओर से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के लिए तैयारियां की जा रही हैं। ऐसे ही तैयारियों में जुटे वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने हमारे सहयोगी अखबार ईटी को बताया कि मुख्य मकसद योग के प्रचार को राजनीतिक विवाद से बचाना है। उनका कहना था कि किसी एक धर्म से जोड़े जाने पर इस अभियान को लोगों के बीच कम पसंद किए जाने की आशंका थी। आयुष विभाग (आयुर्वेद, योग और नैचरोपथी, यूनानी, सिद्ध और होम्योपथी) के बनाए गए 33 मिनट के 'कॉमन योग प्रोटोकॉल' में ओम का कोई जिक्र नहीं होगा। इसके अलावा, 21 जून को योग दिवस के लिए तैयार की जा रही लिखित सामग्री और विडियो में भी ओम शब्द नहीं रहेगा। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए और भी कई तैयारियां की गई हैं। 21 जून को महत्वपूर्ण बनाने के लिए इसी दिन 100 और 10 रुपए के सिक्के जारी किए जाने की योजना है, जिसपर योग की एक मुद्रा छपी रहेगी। इस मौके पर डाक टिकट भी जारी किए जाएंगे। इसमें भी वही तस्वीर लगेगी। संयुक्त राष्ट्र के भी इसी तस्वीर को 21 जून को अपना लोगो बनाने की उम्मीद है। एक साथ कई देशों में और भारत से सरकारी स्कूलों और ऑफिसों में योग करने के कई रेकॉर्ड बनने की भी उम्मीद है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके के लिए आम स्वीकार्य स्लोगन देने की भी योजना है। इस दिन के लिए 'शांति और सद्भभाव के लिए योग' स्लोगन दिया जा सकता है। योग प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए बाबा रामदेव, रविशंकर, जग्गी वासुदेव और देश के दूसरे योग संस्थानों से सलाह ली गई है।

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